बुधवार, 5 नवंबर 2025 की रात केवल एक पूर्णिमा नहीं है—यह हिंदू कैलेंडर की सबसे पवित्र रातों में से एक है!
क्यों है यह पूर्णिमा इतनी ख़ास?
कार्तिक पूर्णिमा कई बड़ी घटनाओं का संगम है, जो इसे अत्यंत शुभ बनाती है:
| पर्व | महत्व |
|---|---|
| त्रिपुरी पूर्णिमा | इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्त किया था। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। |
| देव दीपावली | यह देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दिवाली है! भक्त पवित्र नदियों के घाटों को हज़ारों दीयों से सजाते हैं, यह दर्शाता है कि देवता इस दिन पृथ्वी पर आते हैं। |
| कार्तिक स्नान समापन | कार्तिक महीने के दौरान किए गए पवित्र स्नान (जैसे गंगा स्नान) का यह अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। |
| गुरु नानक जयंती | सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व भी इसी दिन मनाया जाता है। |
| सत्यनारायण व्रत | भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की कथा और पूजा के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। |
कार्तिक पूर्णिमा के सटीक समय
पूजा, स्नान और दान का पूरा फल पाने के लिए, आपको तिथि के सटीक आरंभ और समापन का समय जानना ज़रूरी है।
व्रत का दिन: बुधवार, 5 नवंबर 2025
| विवरण | नई दिल्ली समय |
|---|---|
| पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | 4 नवंबर 2025 को रात 10:36 बजे |
| पूर्णिमा तिथि समाप्त | 5 नवंबर 2025 को शाम 06:48 बजे |
| चंद्रोदय (Moonrise) | शाम 05:11 बजे (चंद्र पूजा का उत्तम समय इसके बाद) |
| सूर्यास्त | शाम 05:33 बजे (प्रदोष काल का आरंभ) |
शुभ और अशुभ मुहूर्त
मुहूर्तम के अनुसार, 5 नवंबर 2025 को शुभ कार्यों के लिए ये समय सबसे महत्वपूर्ण हैं:
| समय का प्रकार | अवधि | महत्व |
|---|---|---|
| ब्रह्म मुहूर्त (अत्यंत शुभ) | सुबह 04:52 बजे से 05:44 बजे तक | कार्तिक स्नान, ध्यान, और मंत्र जाप के लिए सर्वश्रेष्ठ। |
| गोधूलि मुहूर्त (शुभ) | शाम 05:33 बजे से 05:59 बजे तक | संध्या वंदन, देव दीपावली के दीये जलाना और चंद्र पूजा का आरंभ। |
| निशिता मुहूर्त (शुभ) | देर रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक | तांत्रिक और विशेष आध्यात्मिक साधनाओं के लिए। |
| राहु काल (अशुभ) | दोपहर 12:04 बजे से 01:27 बजे तक | इस दौरान कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचें। |
अपने शहर के सटीक समय जानने के लिए, 5 नवंबर 2025 के लिए पंचांग या चौघड़िया देखें।
